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UN की विश्वसनीयता के लिए सुधार बहुत जरूरी- मोदी

संयुक्त राष्ट्र। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त राष्ट्र में कई अलग-अलग देशों के प्रतिनिध‍ियों से मुलाकात की। इसके बाद प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र की सभा को संबोध‍ित किया। पीएम के भाषण के मुख्य बिंदु- एजेंडा 2030 का विजन महत्वकांक्षी है और सबके लिये अहम है। हम सामाजिक, आर्थ‍िक और पर्यावरण के प्रति परिपक्व सोच के साथ आगे बढ़ रहे हैं। हमारे निर्धारित लक्ष्यों में गरीबी उन्मूलन सबसे ऊपर है। दुनिया में 1.3 बिलियन लोग गरीबी की रेखा के नीचे जीने पर मजबूर हैं। हमारे सामने प्रश्न केवल यह नहीं कि गरीबों की आवश्यक्ताओं को पूरा किया जाये, यह सिर्फ हमारी नैतिक जिम्मेदारी महज नहीं है, बल्क‍ि हमारा लक्ष्य है विश्व को शांतिपूर्ण बनाना और व्यवस्था को न्यायपूर्ण बनाना होगा। भारत का ही नहीं यह हम सबका पवित्र दायित्व है, कि हम मिलकर गरीबी को दूर करें। मैं हमेशा ब्लू रिवोल्यूशन का पक्षधर रहा हूं, ताकि हमारे छोटे-छोटे द्वीप विकास की धारा से जुड़ सकें। भारत ने विकास का जो मार्ग चुना है, उसमें और संयुक्त राष्ट्र के सस्टेनेबल डेवलपमेंट के कार्यक्रम में बहुत सारी समानताएं हैं। हमने गरीबों को सशक्त बनाकर, गरीबी को पराजित करने का मार्ग चुना है। गरीब को श‍िक्षा देने के साथ-साथ उसका स्क‍िल डेवलपमेंट करने का मार्ग चुना है। दुनिया पब्ल‍िक-प्राइवेट सेक्टर के पीछे भागती है, हमने पर्सनल सेक्टर पर जोर देना शुरू किया है। महिला सशक्त‍िकरण हमारे कार्यक्रमों का एक महत्वपूर्ण अंग है। हम अपने खेतों को बाजार से जोड़ने का काम कर रहे हैं, ताकि प्राकृतिक अनिश्च‍ितता के चलते किसानों के जोख‍िम कम हो सकें। मैन्युफैक्च‍रिंग को रिवाइव कर रहे हैं, इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश कर रहे हैं और शहरों को स्मार्ट बना रहे हैं। समृद्धि‍ की ओर हमने जो मार्ग चुना है, उसके लिये हम कटिबद्ध हैं।

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