नीतीश का ‘शब्द वापसी’ अभियान शुरू, PM मोदी को भेजेंगे 50 लाख सैंपल
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अपने डीएनए को लेकर की गई टिप्पणी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वापस नहीं लिए जाने पर जेडीयू के ‘शब्द वापसी’ अभियान शुरूआत करते हुए कहा कि वे इस मुद्दे को आखिरी परिणाम तक ले जाएंगे। इस अभियान के तहत करीब 50 लाख लोगों के हस्ताक्षर तथा डीएनए नमूना जांच के लिए प्रधानमंत्री को भेजा जाना है।
पटना के गर्दनीबाग में जेडीयू द्वारा शब्द वापसी अभियान की शुरूआत किए जाने के साथ नीतीश ने कहा कि हमारा डीएनए वही है, जो बिहारियों का डीएनए है। हमारे डीएनए में बिहार का जो अतीत है, वही है। उन्होंने कहा कि बिहार के अंदर के लोगों की खासियत है कि यहां के लोग परिश्रमी होते हैं। यहां की युवा पीढ़ी मेधावी हैं।
नीतीश ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को डीएनए पर शक है तो बिहार भर के पचास लाख लोग अपना-अपना सैम्पल भेज देंगे। अगर उनको लगता है कि बिहारियों के डीएनए में गड़बड़ है तो जांच करा लें और फिर जांच की रिपोर्ट से अवगत कराएं। हमलोग सैम्पल भेज रहे हैं तो उन्हें ही जांच करवाना होगा , खर्च तो वही करेंगे। उन्हें सोचना चाहिए था कि क्या बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे सब कुछ बोलकर निकलना चाहते हैं, उन्हें निकलने नहीं दिया जायेगा। उन्होंने बोला है तो हम इसके लॉजिकल एंड तक जायेंगे।
नीतीश ने कहा कि पूरे बिहार में अभियान चलाकर प्रधानमंत्री को डीएनए जांच के लिये पचास लाख सैम्पल भेजे जाएंगे। उन्होने कहा कि हमलोग इंतजार कर रहे थे कि गया की रैली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने शब्द वापस ले लेंगे। हमलोगों ने विनम्रतापूर्वक शब्द वापस लेने के लिये आग्रह किया था। उनके डीएनए के बयान से करोडों बिहारवासियों की भावनाओं को ठेस पहुंची है तो शब्द वापस ले लेना चाहिए।
नीतीश कुमार ने कहा कि अच्छा होता , अगर प्रधानमंत्री अपने शब्द वापस ले लेते। शब्द वापसी के लिए हमलोग अभियान चलायेंगे। व्यापक कार्यक्रम चलेगा और इस सिलसिले में लोग अपना-अपना सैम्पल प्रधानमंत्री को भेजेंगे। प्रधानमंत्री जांच करा लें कि डीएनए में क्या है उन्हें पता चल जायेगा। उन्होंने कहा कि कल उनके आवास पर संयुक्त संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया गया है जिसमें उनके साथ आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे।
पटना में शब्द वापसी अभियान के तहत जेडीयू कार्यकर्ताओं को, डीएनए जांच के लिए अपने बाल और नाखून काटकर उसे प्रधानमंत्री को भेजने के वास्ते एक पैकेट में रखते देखा गया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शब्द वापसी अभियान की घोषणा करते हुए कहा कि आगामी 29 अगस्त में पटना के गांधी मैदान में आयोजित होने वाली स्वाभिमान रैली के साथ इस अभियान के प्रथम चरण को पूरा किया जाएगा तथा आगामी सितंबर महीने में अभियान के दूसरे चरण में ‘शब्द वापसी’ के लिए हस्ताक्षर एवं डीएनए नमूना भेजने के इस अभियान को हम बिहार के कोने-कोने में हर घर तक ले जाएंगे और साथ ही राज्य के 4-5 क्षेत्रों में स्वाभिमान रैली का भी आयोजन करेंगे।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर, गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी सहित बीजेपी के अन्य वरिष्ठ नेताओं के सम्मान में दिए गए भोज को वापस लेने को लेकर प्रधानमंत्री ने पिछले 25 जुलाई को मुजफ्फरपुर की अपनी परिवर्तन रैली के दौरान कथित तौर पर नीतीश के डीएनए में गडबडी होने का आरोप लगाया था।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अपने डीएनए को लेकर की गई टिप्पणी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वापस नहीं लिए जाने पर जेडीयू के ‘शब्द वापसी’ अभियान शुरूआत करते हुए कहा कि वे इस मुद्दे को आखिरी परिणाम तक ले जाएंगे। इस अभियान के तहत करीब 50 लाख लोगों के हस्ताक्षर तथा डीएनए नमूना जांच के लिए प्रधानमंत्री को भेजा जाना है।
पटना के गर्दनीबाग में जेडीयू द्वारा शब्द वापसी अभियान की शुरूआत किए जाने के साथ नीतीश ने कहा कि हमारा डीएनए वही है, जो बिहारियों का डीएनए है। हमारे डीएनए में बिहार का जो अतीत है, वही है। उन्होंने कहा कि बिहार के अंदर के लोगों की खासियत है कि यहां के लोग परिश्रमी होते हैं। यहां की युवा पीढ़ी मेधावी हैं।
नीतीश ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को डीएनए पर शक है तो बिहार भर के पचास लाख लोग अपना-अपना सैम्पल भेज देंगे। अगर उनको लगता है कि बिहारियों के डीएनए में गड़बड़ है तो जांच करा लें और फिर जांच की रिपोर्ट से अवगत कराएं। हमलोग सैम्पल भेज रहे हैं तो उन्हें ही जांच करवाना होगा , खर्च तो वही करेंगे। उन्हें सोचना चाहिए था कि क्या बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे सब कुछ बोलकर निकलना चाहते हैं, उन्हें निकलने नहीं दिया जायेगा। उन्होंने बोला है तो हम इसके लॉजिकल एंड तक जायेंगे।
नीतीश ने कहा कि पूरे बिहार में अभियान चलाकर प्रधानमंत्री को डीएनए जांच के लिये पचास लाख सैम्पल भेजे जाएंगे। उन्होने कहा कि हमलोग इंतजार कर रहे थे कि गया की रैली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने शब्द वापस ले लेंगे। हमलोगों ने विनम्रतापूर्वक शब्द वापस लेने के लिये आग्रह किया था। उनके डीएनए के बयान से करोडों बिहारवासियों की भावनाओं को ठेस पहुंची है तो शब्द वापस ले लेना चाहिए।
नीतीश कुमार ने कहा कि अच्छा होता , अगर प्रधानमंत्री अपने शब्द वापस ले लेते। शब्द वापसी के लिए हमलोग अभियान चलायेंगे। व्यापक कार्यक्रम चलेगा और इस सिलसिले में लोग अपना-अपना सैम्पल प्रधानमंत्री को भेजेंगे। प्रधानमंत्री जांच करा लें कि डीएनए में क्या है उन्हें पता चल जायेगा। उन्होंने कहा कि कल उनके आवास पर संयुक्त संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया गया है जिसमें उनके साथ आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे।
पटना में शब्द वापसी अभियान के तहत जेडीयू कार्यकर्ताओं को, डीएनए जांच के लिए अपने बाल और नाखून काटकर उसे प्रधानमंत्री को भेजने के वास्ते एक पैकेट में रखते देखा गया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शब्द वापसी अभियान की घोषणा करते हुए कहा कि आगामी 29 अगस्त में पटना के गांधी मैदान में आयोजित होने वाली स्वाभिमान रैली के साथ इस अभियान के प्रथम चरण को पूरा किया जाएगा तथा आगामी सितंबर महीने में अभियान के दूसरे चरण में ‘शब्द वापसी’ के लिए हस्ताक्षर एवं डीएनए नमूना भेजने के इस अभियान को हम बिहार के कोने-कोने में हर घर तक ले जाएंगे और साथ ही राज्य के 4-5 क्षेत्रों में स्वाभिमान रैली का भी आयोजन करेंगे।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर, गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी सहित बीजेपी के अन्य वरिष्ठ नेताओं के सम्मान में दिए गए भोज को वापस लेने को लेकर प्रधानमंत्री ने पिछले 25 जुलाई को मुजफ्फरपुर की अपनी परिवर्तन रैली के दौरान कथित तौर पर नीतीश के डीएनए में गडबडी होने का आरोप लगाया था।
0 comments:
Post a Comment