44 साल के वर्ल्ड कप के इतिहास में शायद ही कोई ऐसा फाइनल हुआ होगा जैसा की लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर मेजबान इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच रविवार को देखने को मिला।
दोनों टीमों के बीच खेला गया फाइनल सुपर ओवर में चला गया। सुपर ओवर के रोमांच के बाद मैच एक बार फिर टाई हो गया। सुपर ओवर में मैच टाई होने के बावजूद भी इंग्लैंड को विजेता घोषित कर दिया।
न्यूजीलैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए इंग्लैंड के सामने 242 रन का लक्ष्य रखा था। जवाब में इंग्लैंड भी निर्धारित 50 ओवर्स में इतने ही रन बना पाया। सुपरओवर में मैच जाने के बाद इंग्लैंड ने न्यूजीलैंड के सामने 16 रन का लक्ष्य रखा था।
इंग्लैंड की तरफ से बेन स्टोक्स ने आठ और जोस बटलर ने सात रन बनाए। सुपर ओवर के लक्ष्य का पीछा करने के दौरान मार्टिन गुप्टिल ने एक रन बनाया, जबकि जेम्स नीशम ने 13 रन निकले। एक रन वाइड का मिला।
इस तरह एक बार फिर मैच टाई हो गया, जिसके बाद इंग्लैंड को मैच में ज्यादा चौके लगाने के आधार पर विजेता घोषित कर दिया गया।
बता दें कि सुपर ओवर टाई रहता है तो खिताब का फैसला ज्यादा बाउंड्री के आधार पर होता है। इस मैच में न्यूजीलैंड ने अपनी पारी के दौरान 17 जबकि इंग्लैंड की टीम ने अपनी पारी में 24 चौके लगाए। मतलब न्यूजीलैंड से सात चौके अधिक। इसलिए इंग्लैंड को मैच में ज्यादा बाउंड्री लगाने के चलते चैंपियन करार दिया गया।
दोनों टीमों के बीच खेला गया फाइनल सुपर ओवर में चला गया। सुपर ओवर के रोमांच के बाद मैच एक बार फिर टाई हो गया। सुपर ओवर में मैच टाई होने के बावजूद भी इंग्लैंड को विजेता घोषित कर दिया।
न्यूजीलैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए इंग्लैंड के सामने 242 रन का लक्ष्य रखा था। जवाब में इंग्लैंड भी निर्धारित 50 ओवर्स में इतने ही रन बना पाया। सुपरओवर में मैच जाने के बाद इंग्लैंड ने न्यूजीलैंड के सामने 16 रन का लक्ष्य रखा था।
इंग्लैंड की तरफ से बेन स्टोक्स ने आठ और जोस बटलर ने सात रन बनाए। सुपर ओवर के लक्ष्य का पीछा करने के दौरान मार्टिन गुप्टिल ने एक रन बनाया, जबकि जेम्स नीशम ने 13 रन निकले। एक रन वाइड का मिला।
इस तरह एक बार फिर मैच टाई हो गया, जिसके बाद इंग्लैंड को मैच में ज्यादा चौके लगाने के आधार पर विजेता घोषित कर दिया गया।
बता दें कि सुपर ओवर टाई रहता है तो खिताब का फैसला ज्यादा बाउंड्री के आधार पर होता है। इस मैच में न्यूजीलैंड ने अपनी पारी के दौरान 17 जबकि इंग्लैंड की टीम ने अपनी पारी में 24 चौके लगाए। मतलब न्यूजीलैंड से सात चौके अधिक। इसलिए इंग्लैंड को मैच में ज्यादा बाउंड्री लगाने के चलते चैंपियन करार दिया गया।
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