नई दिल्ली. अरुण जेटली ने कहा है कि सरकार फ्रीडम ऑफ स्पीच के सपोर्ट में है। लेकिन नेशनलिज्म से कोई समझौता नहीं हो सकता। जेटली बीजेपी की नेशनल एग्जीक्यूटिव काउंसिल के दूसरे दिन प्रेस कॉन्फ्रेस में बोल रहे थे।
उन्होंने काउंसिल में पास किए गए दो प्रपोजल्स की जानकारी दी। इनमें एक पॉलिटिकल और दूसरा फाइनेंशियल प्रपोजल है। पॉलिटिकल प्रपोजल वेंकैया नायडू ने पेश किया। इसमें कहा गया कि नेशनलिज्म की आइडियोलॉजी ही बीजेपी की दिशा तय करती है।
जेटली ने रविवार को कहा कि फ्रीडम ऑफ स्पीच और नेशनलिज्म की आइडियोलॉजी, दोनों एक साथ रह सकती हैं।
उन्होंने कहा- कॉन्स्टीट्यूशन हमें असहमति जताने का अधिकार तो देता है लेकिन देश के विरोध की आजादी नहीं देता।
उन्होंने कहा- कॉन्स्टीट्यूशन हमें असहमति जताने का अधिकार तो देता है लेकिन देश के विरोध की आजादी नहीं देता।
पार्टी की एग्जीक्यूटिव काउंसिल की मीटिंग में पेश पॉलिटिकल प्रपोजल की जानकारी देते हुए जेटली ने सरकार की कामयाबियां भी गिनाईँ।
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