नई दिल्ली. नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज (INA) के खजाने को लूटा गया था। लंबे वक्त से हो रहा यह दावा नेताजी से जुड़ी फाइलों के जरिए सही साबित होता दिख रहा है। हाल ही में पब्लिक हुईं फाइलें बताती हैं कि खजाना लूटे जाने की बात नेहरू सरकार को पता थी। 1951 से 1955 के बीच टोक्यो और नई दिल्ली के बीच इस बारे में करस्पॉन्डेंस भी हुआ था।
नरेंद्र मोदी ने 23 जनवरी को नेताजी से जुड़ी से 100 फाइलों को नेशनल आर्काइव्स में डिक्लासिफाई किया था। इसी में से एक फाइल नंबर- 25/4/NGO-Vol 3 में नेताजी के खजाने का जिक्र है। टॉप सीक्रेट फाइल्स के मुताबिक, खजाने से 7 लाख डॉलर की लूट हुई थी। इस बात का पहली बार जिक्र रिसर्चर अनुज धर ने अपनी किताब 'इंडियाज बिगेस्ट कवरअप' में किया था।
फाइल्स के मुताबिक, टोक्यो मिशन के हेड केके चतुर ने 21 मई 1951 को कॉमनवेल्थ रिलेशन सेक्रेटरी बीएन चक्रवर्ती को खजाने के इस बारे में लिखा था। चतुर ने बोस के दो साथियों प्रोपेगेंडा मिनिस्टर एसए अय्यर और इंडियन इंडिपेंडेंस लीग के टोक्यो हेड मुंगा रामामूर्ति पर शक जताया था। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि डिप्लोमैट्स की मुहैया कराई गई जानकारी को पंडित जवाहरलाल नेहरू ने नजरअंदाज कर दिया था।
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