पश्चिम बंगाल में भारत का पहला 'टायर पार्क' बनेगा, जहां बेकार हो चुके टायरों और उसके खराब हिस्सों से बनीं कलाकृतियों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी। एक अधिकारी ने इसे एक अद्भुत अवधारणा करार दिया है और कहा है कि इस तरह का पार्क देश में कहीं भी नहीं है। उन्होंने कहा कि इस अवधारण के पीछे का मुख्य विचार यह है कि कचरे को कैसे कला में तब्दील किया जा सकता है।
पश्चिम बंगाल परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक राजनवीर कपूर ने बताया, 'किसी भी रद्दी सामान को कचरा नहीं कहा जा सकता है। इसका दोबारा इस्तेमाल हो सकता है और इसे कला का रूप दिया जा सकता है। पश्चिम बंगाल परिवहन निगम जल्द टायर पार्क शुरू करेगा।' उन्होंने बताया कि कई बस डिपो मे इस्तेमाल से हटाए गए टायरों पर दोबारा काम किया गया और इसे डब्ल्यूटीसी की टीम ने उन्हें रंग-बिरंगे आकार में बदला है।
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