भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बतौर मुख्यमंत्री 11 साल का कार्यकाल पूरा होने पर मंगलवार को राजधानी में सेंट्रल प्रेस क्लब के 'प्रेस से मिलिए' कार्यक्रम में पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि छह श्यामला हिल्स (अधिकृत शासकीय मुख्यमंत्री निवास) किसी का स्थाई पता नहीं है। मैं सौभाग्यशाली हूं प्रदेश की जनता और पार्टी नेताओं का भरपूर साथ मिला।
उन्होंने कहा कि सरकार अगले साल तीन बड़े कार्यक्रम हाथ में लेगी। इसमें नमामि देवी नर्मदे अभियान के माध्यम से नर्मदा नदी के दोनों किनारों पर फलदार वृक्षों का पौधारोपण होगा। उच्च शिक्षा के लिए पात्र छात्रों के बड़े संस्थानों में प्रवेश पर सरकार पूरा खर्चा उठाएगी।
मुख्यमंत्री ने पत्रकारों के लगभग हर सवालों का जवाब दिया। इसमें योजनाएं बताने से लेकर उपब्धियां और चूक तक शामिल रहे। प्रदेश के हर व्यक्ति को आवास या प्लॉट उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए कानून लागू होगा।
ब्यूरोक्रेसी के हावी होने के आरोपों को नकारते हुए कहा है कि सरकार पर कोई हावी नहीं है, हमने जो चाहे वो कार्यक्रम बनाए, योजना और नीति बनाई। ब्यूरोक्रेसी से इन्हें क्रियान्वित भी कराया।
लाड़ली लक्ष्मी योजना लागू करके खुशी हुई और झाबुआ के पेटलावद में जब विस्फोट हुआ तो तकलीफ हुई।
हर चुनाव में उनके सक्रिय होने के सवाल पर कहा कि ऐसा नहीं है कि भाजपा में सेकेंड लाइन या लीडरशिप नहीं है। चुनाव जनता से संवाद का जरिया है।
जब कार्यकर्ता हमारे लिए चुनाव में जुटता है तो फिर बड़े नेताओं की भी ड्यूटी है कि वे भी नीचे तक पहुंचे।
11 साल में गलती या व्यक्तिगत चूक के सवाल पर कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं है, जो किया वो सोच-समझकर किया है। प्रदेश में दो लाख करोड़ से ज्यादा का निवेश हो चुका है। आईटी कंपनियां आ रही हैं, इसके बाद युवाओं को बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
सरकारी स्कूलों में नेता और अफसरों के बच्चों को पढ़ाने के सवाल पर सीएम बोले- इससे स्कूलों का बोझ और बढ़ेगा। शिक्षा की गुणवत्ता में लगातार सुधार हो रहा है।
मारे गए सिमी के लोगों को आतंकी करार देने के मुद्दे पर कहा कि काम के आधार पर धारणा बनती है। जिन घटनाओं के कारण इन पर केस चल रहे हैें, उससे समाज में धारणा बनी है।
प्रदेश के आर्थिक हालात पूरी तरह से नियंत्रण में हैं। कर्ज तय सीमा के भीतर ही लिया जा रहा है। ये राशि विकास कार्यों में लगाई जा रही है।
एक सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे कभी कुर्सी जाने का डर नहीं लगा। शराबबंदी सिर्फ कानून के सहारे सफल नहीं हो सकती है। इसके लिए जनजागृति पैदा करनी होगी।
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