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बांग्लादेश में फरवरी में राष्ट्रीय चुनाव के चलते भारत विरोधी 2 पार्टियों ने मिलाया हाथ

 बांग्लादेश में फरवरी में राष्ट्रीय चुनाव के चलते भारत विरोधी 2 पार्टियों ने मिलाया हाथ

बांग्लादेश में फरवरी में राष्ट्रीय चुनाव होने हैं, जिसे लेकर राजनीतिक गातिविधियां तेज हो गई हैं. इसी के मद्देनजर बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के कार्यकारी अध्यक्ष और देश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान की मुल्क वापसी को काफी अहम माना जा रहा है. बांग्लादेश में बीएनपी के सबसे बड़ी पार्टी होने के कारण बाकी दलों में गठबंधन की कोशिशें तेज हो गई हैं. 



जमात-ए-इस्लामी और नेशनल सिटिजन पार्टी (NCP) के बीच गठबंधन को लेकर बातचीत चल रही है. माना जा रहा है कि गठबंधन करने पर सहमति तकरीबन बन चुकी है. फिलहाल दोनों दलों में सीट शेयरिंग को लेकर बातचीत जारी है. बता दें कि बांग्लादेश की ये दोनों ही पार्टियां अपने भारत विरोधी एजेंडे के लिए जानी जाती हैं.


भारत के खिलाफ है जमात और एनसीपी 

जमात-ए-इस्लामी बांग्लादेश में पाकिस्तान के पिट्ठू के तौर पर काम करती है और शुरू से ही भारत का विरोध करती आई है. वहीं एनसीपी का गठन बीते साल शेख हसीना के खिलाफ आंदोलन करने वाले छात्र नेताओं ने किया है. इस दल के नेता भी शुरुआत से ही भारत के खिलाफ बयानबाजी करते रहे हैं.


प्रोथोमोलो की रिपोर्ट के मुताबिक बीते साल बनी NCP किसी पुराने राजनीतिक दल के साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहती है. पार्टी नेताओं ने इसके लिए पहले BNP से गठबंधन की कोशिश की, लेकिन सीट बंटवारे पर बात अटक गई. इसके बाद जमात से संपर्क किया गया और इस बार बातचीत आगे बढ़ रही है. रिपोर्ट में कहा गया है कि NCP का एक धड़ा जमात के साथ गठबंधन के विरोध में है. उसका कहना है कि तारिक रहमान के बांग्लादेश लौटने के बाद एक बार फिर BNP के साथ बातचीत होनी चाहिए. 


जमात के साथ सीट शेयरिंग पर सहमति

NCP नेताओं ने कहा कि पार्टी की टॉप लीडरशिप ने सीट-शेयरिंग को लेकर जमात के सीनियर नेताओं के साथ बातचीत की है. बताया जा रहा है कि NCP ने शुरू में 50 सीटों की मांग की थी, लेकिन बातचीत के बाद 30 सीटों पर सहमत हो गई. बाकी सीटों पर पार्टी उम्मीदवार नहीं उतारेगी. इन सीटों पर वो जमात के उम्मीदवारों का समर्थन करेगी.


बता दें कि इससे पहले NCP, अमर बांग्लादेश पार्टी और बांग्लादेश स्टेट रिफॉर्म मूवमेंट ने 7 दिसंबर को डेमोक्रेटिक रिफॉर्म अलायंस के बैनर तले एक गठबंधन बनाया था. अब NCP की कोशिश BNP या जमात के साथ समझौता करने की है.

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