देश के शीर्ष उद्योगपति रतन टाटा का अंतिम संस्कार गुरुवार शाम मुंबई में पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। देश के शीर्ष उद्योगपति रतन टाटा के तिरंगे में लिपटे पार्थिव शरीर को मुंबई के एनसीपीए लॉन में जनता के अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है। आज शाम 4 बजे के बाद वर्ली श्मशान घाट में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। रतन टाटा के निधन पर महाराष्ट्र सरकार ने आज राज्य में एक दिन के राजकीय शोक की घोषणा करते सभी कार्यक्रम रद कर दिए हैं।
टाटा समूह के अनुसार, रतन टाटा के पार्थिव शरीर को आज सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक दक्षिण मुंबई के नेशनल सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। यहां हर क्षेत्र के लोग पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन कर सकेंगे। समूह ने लोगों से गेट नंबर तीन से एनसीपीए लॉन में प्रवेश करने और बाहर निकलने के लिए गेट नंबर का उपयोग करने का अनुरोध किया है। एनसीपीए परिसर में पार्किंग की जगह उपलब्ध नहीं होगी। समूह ने कहा कि शाम चार बजे पार्थिव शरीर वर्ली श्मशान घाट, डॉ. ई मोसेस रोड, वर्ली के प्रार्थना कक्ष में अंतिम संस्कार के लिए रवाना होगा। उनके परिवार ने रतन टाटा के निधन के बाद मिले प्यार और सहानुभूति के लिए आभार व्यक्त किया है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने पद्म विभूषण और पद्म भूषण से सम्मानित उद्योगपति रतन टाटा के निधन पर दुख व्यक्त किया है। एक सोशल मीडिया पोस्ट में, राष्ट्रपति ने कहा कि व्यवसायी रतन टाटा के निधन से, भारत ने एक ऐसा आइकन खो दिया है, जिसने राष्ट्र निर्माण के साथ कॉर्पोरेट विकास और नैतिकता के साथ उत्कृष्टता को जोड़ा।
राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि उद्योगपति रतन टाटा ने महान टाटा विरासत को आगे बढ़ाया और इसे और अधिक प्रभावशाली वैश्विक स्थान दिलाया। उन्होंने अनुभवी पेशेवरों और युवा छात्रों को भी समान रूप से प्रेरित किया। राष्ट्रपति ने कहा कि परोपकार और दान में उनका योगदान अमूल्य है। राष्ट्रपति मुर्मु ने दुखी परिवार और टाटा समूह की पूरी टीम के प्रति संवेदना व्यक्त की है।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने शोक संदेश में कहा कि उद्योगपति रतन टाटा के निधन से उन्हें गहरा दुख हुआ है। उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि श्री टाटा भारतीय उद्योग जगत की एक महान शख्सियत थे, जिनका आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में योगदान हमेशा भारत और उसके बाहर के उद्यमियों के लिए प्रेरणा रहेगा। उपराष्ट्रपति ने कहा कि व्यवसायी रतन टाटा भारतीय उद्योग के ‘दिग्गज’ के रूप में गहरी प्रतिबद्धता और करुणा के धनी व्यक्ति थे, जो अपने पीछे एक स्थायी विरासत छोड़ गए। उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा, भारत को उनकी बहुत याद आएगी।
बिजनेस टाइकून और परोपकारी रतन टाटा के निधन पर विभिन्न क्षेत्रों की गणमान्य हस्तियां शोक व्यक्त कर रही हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में दुख व्यक्त करते हुए कहा कि रतन टाटा एक दूरदर्शी मार्गदर्शक, दयालु और असाधारण इंसान थे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपना दुख साझा करते हुए कहा कि रतन टाटा ने निस्वार्थ भाव से अपना जीवन भारत के विकास के लिए समर्पित कर दिया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी अर्थव्यवस्था, व्यापार और उद्योग में रतन टाटा के महत्वपूर्ण योगदान को याद करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर अपनी संवेदना व्यक्त की। राजनाथ सिंह ने रतन टाटा के परिवार और उनके दोस्तों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपने ‘एक्स’ पोस्ट में रतन टाटा के उल्लेखनीय तथा लंबे कार्यकाल पर प्रकाश डाला और ठोस निर्णय लेने की उनकी क्षमता और मानसिक शक्ति की सराहना की। उन्होंने यह भी घोषणा की कि रतन टाटा का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस ने अपने ‘एक्स’ पोस्ट में कहा कि रतन टाटा के निधन से दुनिया ने मानवता, उदारता और अखंडता का एक प्रतीक खो दिया है।
उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि एक उद्योगपति के रूप में अपने अमूल्य योगदान से परे, रतन टाटा अपने पीछे परोपकार और करुणा की विरासत छोड़ गए हैं, जो देश के प्रति उनके अपार प्रेम से प्रेरित है।
एक सोशल मीडिया पोस्ट में, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि रतन टाटा ने व्यापार और परोपकार दोनों पर एक अमिट छाप छोड़ी।
अडानी समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी ने रतन टाटा के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए ‘एक्स’ पर कहा कि वे भारत की भावना का प्रतीक है। महिंद्रा समूह के अध्यक्ष आनंद महिंद्रा ने टिप्पणी की कि इस महत्वपूर्ण मोड़ पर रतन टाटा का जीवन और कार्य भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।
केंद्रीय मंत्री जी.किशन रेड्डी ने प्रसिद्ध उद्योगपति रतन टाटा के निधन पर शोक व्यक्त किया है। एक संदेश में रेड्डी ने कहा कि देश ने एक ऐसे अमूल्य ‘रतन‘ को खो दिया है जिसने अनेक पीढ़ियों को प्रेरित किया। टाटा के भारतीय कंपनियों को अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाने के प्रयास और सामुदायिक विकास के प्रति उनका सादगी भरा जीवन और यात्रा भावी पीढि़यों को प्रोत्साहित करती रहेगी। तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए.रेवंत रेड्डी ने कहा कि रतन टाटा भारतीय उद्योग के प्रमुख अगुआ और सार्वजनिक रूप में अत्यंत परोपकारी व्यक्ति थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका निधन भारतीय व्यापार जगत और समाज के लिए अपूरणीय क्षति होगी। उन्होंने उनके परिवार के सभी सदस्यों और सहकर्मियों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जाने माने उद्योगपति रतन टाटा के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि रतन टाटा का निधन उद्योग जगत की बड़ी क्षति है। देश की अर्थव्यवस्था और वाणिज्य-उद्योग क्षेत्र में रतन टाटा के योगदान को सदैव रेखांकित किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने स्व. रतन टाटा की आत्मा की शांति और उनके मित्रजन एवं परिजन को यह दुख सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना भगवान महाकाल से की है।
उल्लेखनीय है कि 1991 में रतन टाटा समूह के अध्यक्ष बने। उन्होंने टेल्को और बाद में टाटा मोटर्स को एक अग्रणी कार निर्माण कंपनी और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज टीसीएस को एक सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी बनाया। इसके अलावा उन्होंने टाटा केमिकल्स, टाटा टी, टाटा स्टील जैसी कई कंपनियों को सफल बनाया। 2012 में वह टाटा समूह के अध्यक्ष के रूप में सेवानिवृत्त हुए। हालांकि, इसके बाद भी वह विभिन्न उद्योगों का मार्गदर्शन कर रहे थे। 2008 के मुंबई हमले के बाद रतन टाटा की दृढ़ता सभी को हमेशा याद रहेगी। उनके फैसले, साहसी रवैया और सामाजिक प्रतिबद्धता हमेशा याद रखी जाएगी।
भारत के सबसे सम्मानित व्यापारिक दिग्गजों में से एक रतन टाटा ने दो दशकों से अधिक समय तक टाटा संस के अध्यक्ष के रूप में काम किया। वे टाटा ट्रस्ट के जरिए परोपकार में गहराई से शामिल थे। उन्हें 2000 में पद्म भूषण और 2008 में पद्म विभूषण सहित कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था।
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