नई दिल्ली ! नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ जारी
प्रदर्शन के बीच गृह मंत्री अमित शाह ने बयान दिया है. दिल्ली में एक कार्यक्रम के
दौरान उन्होंने कहा कि बाहर से आए अल्पसंख्यक शरणार्थियों को हमारी सरकार नागरिकता
जरूर देगी. विपक्ष को जो राजनीतिक विरोध करना है वो करें. बीजेपी और मोदी सरकार
अडिग है. उन्होंने कहा कि शरणार्थियों को नागरिकता मिलेगी. वे भारत के नागरिक
बनेंगे और सम्मान के साथ दुनिया में रहेंगे.
गृह मंत्री ने कहा कि विपक्ष देश के लोगों को
गुमराह कर रहा है. मैं दोहराता हूं कि किसी भी अल्पसंख्यक समुदाय के किसी भी
व्यक्ति की नागरिकता छीनने का कोई सवाल ही नहीं है. विधेयक में ऐसा कोई प्रावधान
नहीं है.
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए अमित शाह ने कहा
कि मैं कांग्रेस पार्टी से कहना चाहता हूं कि यह नेहरू-लियाकत समझौते का हिस्सा था,
लेकिन 70 साल से लागू नहीं हुआ, क्योंकि
आप वोट बैंक बनाना चाहते थे. हमारी सरकार ने संधि को लागू किया है और
लाखों-करोड़ों लोगों को नागरिकता दी है.
राष्ट्रपति से मिले विपक्षी दल के नेता
एक ओर जहां अमित शाह नागरिकता कानून पर अडिग
रहने की बात कर रहे हैं तो वहीं विपक्षी दल के नेता इसे वापस लेने के लिए मंगलवार
को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिले. राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद सोनिया गांधी
ने कहा कि नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों और दिल्ली में हालात तनावपूर्ण हैं. हमने
राष्ट्रपति से मामले में दखल देने को कहा है.
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष ने कहा कि पुलिस
जामिया यूनिवर्सिटी में छात्राओं के हॉस्टल में घुसी. प्रदर्शन करना लोकतांत्रिक
हक है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार जनता की आवाज दबा रही है. वहीं टीएमसी सांसद
डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि हमने राष्ट्रपति से अनुरोध किया है कि वह सरकार को तुरंत
नागरिकता संशोधित कानून को वापस लेने की सलाह दें.
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