राज्यपाल गरियाबंद जिले के किडनी रोग प्रभावित
ग्राम सुपेबेड़ा पहुंचीं और मरीजों और ग्रामीणजनों से मुलाकात की। उन्होंने
प्रभावित परिवारों से रुबरु चर्चा कर उन्हें भरोसा दिलाया कि अब प्रभावितों को
रायपुर के डीकेएस और एम्स हॉस्पिटल में निःशुल्क उपचार कराने और परिवारजनों के
भोजन एवं ठहरने की निःशुल्क व्यवस्था की जायेगी। राज्यपाल ने वाटर फिल्टर प्लांट
शीघ्र चालू करने, देवभोग में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का
उन्नयन सिविल अस्पताल में करने तथा ब्लड बैंक की स्थापना करने के निर्देश दिए। इस
अवसर पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि तेल नदी पर
सेन्दमुड़ा के पास पुल निर्माण के लिए 10 करोड़ 8 लाख
44 हजार रुपए की स्वीकृति देने के साथ ही तेल नदी में वाटर फिल्टर
प्लांट के 14 करोड़ रुपये की स्वीकृति दे दी गई है। राज्यपाल
ने क्षेत्र की विद्युत समस्या को गम्भीरता से लेते हुए इंदागांव के 132 के.वी.
का विद्युत सब स्टेशन को जल्द प्रारंभ करने के निर्देश जिला प्रशासन को दिए।
बातचीत के दौरान मरीजों ने अपनी समस्या खुलकर राज्यपाल को बताई।
राज्यपाल ने कहा कि सुपेबेड़ा में किडनी रोग
अत्यंत दुखदायी है। उन्होंने कहा कि देवभोग के ग्रामीणों तथा मीडिया के माध्यम से
जानकारी मिलने पर वे स्वयं यहां हालचाल जानने आयी है। मैंने यहाँ आने का निर्णय
लिया और आप लोगों के बीच उपस्थित हुई। उन्होंने कहा कि इस गांव के लोग लम्बे समय
से किडनी रोग की समस्या से जूझ रहे हैं। उनकी इस समस्या के समाधान के लिए शासन के
साथ मैं भी जिम्मेदारी लेती हूँ। किसी प्रभावित व्यक्ति को कोई सहयोग की आवश्यकता
होगी तो वह स्वास्थ्य मंत्री के साथ मुझसे सीधे संपर्क कर सकते हैं। राज्यपाल ने
ग्रामीणों को अपना फोन नम्बर भी उपलब्ध कराया। राज्यपाल ने कहा कि अब पीड़ितों और
प्रभावित परिवारों को तत्काल राहत दी जाएगी। उन्होंने किडनी रोग से मृत
शिक्षाकर्मी की विधवा श्रीमती वैदही क्षेत्रपाल और श्रीमती लक्ष्मी सोनवानी को
दैनिक मजदूरी दर पर काम में रखने के निर्देश जिला प्रशासन को दिए। साथ ही ऋण संबधी
समस्या के समाधान करने आश्वस्त किया। राज्यपाल ने कहा कि इलाज कराने वाले किडनी
रोग पीड़ितों को रायपुर में रेड क्रास सोसायटी के ब्लड बैंक से निःशुल्क ब्लड की
सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। जरूरत पड़ने पर सत्य साई संजीवनी हॉस्पिटल के ब्लड बैंक
से भी रक्त दिलाया जा सकता है।
राज्यपाल ने कहा कि सुपेबेड़ा तथा आसपास के
ग्रामों में समय-समय पर स्वास्थ्य कैम्प लगाया जायेगा और यह भी प्रयास किया जाएगा
कि किडनी प्रभावित लोगों को रोजगार उपलब्ध हो सके। साथ ही पीड़ित परिवार की महिलाओं
को स्वसहायता समूह से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि शासन द्वारा उठाये गए कदम के
संबंध में जमीनी स्तर पर कार्यवाही हो।
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