अपार शक्ति की देवी मां दुर्गा की पूजा को समर्पित शारदीय नवरात्रि 29 सितंबर दिन रविवार से शुरू हो रही है। रविवार को कलश या घट स्थापना विधिपूर्वक होगी। फिर नवरात्रि के व्रत प्रारंभ होंगे। घट स्थापना के बाद मां दुर्गा के शैलीपुत्री स्वरूप की पूजा की जाएगी। पूरी नवरात्रि देवी दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा होगी। इस वर्ष दशहरा या विजयादशमी 08 अक्टूबर दिन मंगलवार को मनाई जाएगी। बंगाल में भी मां दुर्गा की पूजा के लिए तैयारियां जोरों पर हैं।
नवरात्रि के व्रत और पूजा के लिए विशेष तैयारियां करनी होती हैं। घट स्थापना के लिए कलश, धूप, दीप, मौली, कपूर, नैवेद्य, माता की मूर्ति या तस्वीर, गाय का घी, शहद, शक्कर, लाल चुनरी, फल आदि की व्यवस्था करनी होती है।
ऐसे में आइए जानते हैं कि किस तारीख को माता दुर्गा के किस स्वरुप की पूजा की जाएगी।
1. 29 सितंबर- प्रतिपदा - पहला दिन, घट या कलश स्थापना। इस दिन माता दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा होगी।
2. 30 सितंबर- द्वितीया - दूसरा दिन। इस दिन माता के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा की जाती है।
3. 1 अक्टूबर- तृतीया - तीसरा दिन। इस दिन दुर्गा जी के चंद्रघंटा स्वरूप की पूजा की जाएगी।
4. 2 अक्टूबर- चतुर्थी - चौथा दिन। माता दुर्गा के कुष्मांडा स्वरुप की पूजा-अर्चना होगी।5. 3 अक्टूबर- पंचमी - पांचवां दिन- इस दिन मां भगवती के स्कंदमाता स्वरूप की पूजा की जाती है।
6. 4 अक्टूबर- षष्ठी- छठा दिन- इस दिन माता दुर्गा के कात्यायनी स्वरूप की पूजा होती है।
7. 5 अक्टूबर- सप्तमी- सातवां दिन- इस दिन माता दुर्गा के कालरात्रि स्वरूप की आराधना की जाती है।
8. 6 अक्टूबर- अष्टमी - आठवां दिन- दुर्गा अष्टमी, नवमी पूजन। इस दिन माता दुर्गा के महागौरी स्वरूप की पूजा अर्चना की जाती है।9. 7 अक्टूबर- नवमी - नौवां दिन- नवमी हवन, नवरात्रि पारण।
10. 8 अक्टूबर- दशमी- जिन लोगों ने माता दुर्गा की प्रतिमाओं की स्थापना की होगी, वे विधि विधान से माता का विसर्जन करेंगे। इस दिन विजयादशमी या दशहरा मनाया जाएगा।
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