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PAK पर भड़के बलूच नेता, कहा- कश्मीर पर कर रहा पाखंड़ और बलूचिस्तान में नरसंहार

कश्मीर पर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर रो रहे पाकिस्तान के पाखंड़ को बलूच नेता ने उजागर कर दिया है। बलूच नेता मेहरन मैर ने कहा कि इस्लामाबाद बलूचिस्तान में नरसंहार और मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रहा है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय में कश्मीर में मानाविधकार उल्लंघन का मुद्दा उठा रहा है।
बता दें कि बलूच मानवाधिकार परिषद ने मंगलवार को जेनेवा में संयुक्त राष्ट्र के सामने एक विशेष टेंट में 'द ह्यूमैनिटेरियन क्राइसिस इन बलूचिस्तान' पर एक ब्रीफिंग का आयोजन किया। मेहरन ने कहा कि जिनेवा में पाकिस्तानी विदेश मंत्री विदेशी पत्रकारों और मीडिया को गुलाम कश्मीर में आमंत्रित कर रहे थे कि वह देखें कैसे लोग वहां रह रहे हैं। उस आदमी को कोई शर्म नहीं है कि वे बलूचिस्तान में नरसंहार और मानव अधिकार का उल्लंघन कर रहे हैं। बलूच नेता ने पाकिस्तान पर आरोप लगाया कि वह उइगर मुसलमानों के खिलाफ शिनजियांग प्रांत में अपने अपराध में भागीदार चीन द्वारा किए गए मानवाधिकारों के हनन की अनदेखी कर रहा है।
मेहरन का ये बयान पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी द्वारा विश्व मीडिया और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को पीओके में आमंत्रित करने के बाद आया है। दरअसल, कुरैशी ने कहा था कि आप सभी आइये और देखिए कि वहां के लोग कैसे खुश रहते हैं।  
उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान ने दुनिया भर के मुसलमानों के अधिकारों की रक्षा के लिए खुद को अंतरराष्ट्रीय पुलिसकर्मी का दर्जा दिया है। क्या वह ये नहीं देख पा रहा है कि चीन में मुस्लिम के साथ क्या हो रहा है, क्योंकि बलूचिस्तान में अपराध करने के लिए चीन भी भागीदार है? उन्होंने कहा कि वे लाखों मुसलमानों को चीन में बेसहारा नहीं देख सकते।बलूच मानवाधिकार परिषद के आयोजक रज्जाक बलूच ने भी कहा कि पाकिस्तान बलूचिस्तान में जो कुछ भी कर रहा है उसे छिपाना चाहता है और कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र में रो रहा है,  यह पाखंड है। उन्होंने आगे कहा कि क्या वह बलूचिस्तान में  मीडिया और संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधिमंडल को जाने और यह पता लगाने की अनुमति देंगे कि उन्होंने मेरे देश के साथ क्या किया?     
दिलचस्प बात यह है कि जब कुरैशी सत्र को संबोधित कर रहे थे, तब पाकिस्तान में मानवाधिकार की विकट स्थिति के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा था।पाकिस्तान को एक बार फिर शर्मसार होना पड़ा, क्योंकि रूस, यूएई और यूएस जैसे देशों ने भारत के साथ दिया। बता दें कि भारत ने सख्ती के साथ कहा है कि कश्मीर भारत का आंतरिक मामला है। 
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