जम्मू.कश्मीर को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद यूएनएससी के सदस्य देशों में केवल चीन पाकिस्तान का समर्थन करता दिख रहा है पाकिस्तानी अखबार ष्डॉन ने अपनी एक रिपोर्ट में यह बात कही है अखबार ने कहा कि जम्मू.कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा हटाने के विरोध में पाकिस्तान को सुरक्षा परिषद में सिर्फ चीन का ही ष्खुला समर्थन हासिल है उसने कहा कि यूएनएससी के अधिकतर सदस्य देश पाकिस्तान का समर्थन करते नहीं दिखते.
ष्डॉन संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय से खबरें दे रहा है पीटीआई के मुताबिक जम्मू.कश्मीर को लेकर अपनी एक रिपोर्ट में उसने कहा कि पाकिस्तानी दूत मलीहा लोधी और उनकी टीम संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों को यह समझाने में जुटी है कि जम्मू.कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के भारत के फैसले से दक्षिण एशिया की शांति और स्थिरता को खतरा हैण् ष्डॉन ने लिखा है ष्लेकिन सुरक्षा परिषद के मौजूदा सदस्य पाकिस्तान के समर्थन में नजर नहीं आ रहे वहीं इस मुद्दे पर भारत अंतरराष्ट्रीय समुदाय को स्पष्ट रूप से बता चुका है कि जम्मू.कश्मीर से संविधान का अनुच्छेद 370 हटाकर उसका विशेष दर्जा खत्म करना देश का अंदरूनी मामला है उसका यह भी कहना है कि पाकिस्तान इस वास्तविकता को स्वीकार करे.
जम्मू.कश्मीर के मौजूदा हालात पर चर्चा के लिए पाकिस्तान के अनुरोध पर चीन ने सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाई थी खबरों के मुताबिक परिषद के शेष चार सदस्य ब्रिटेनए फ्रांस रूस और अमेरिका चाहते हैं कि भारत और पाकिस्तान द्विपक्षीय स्तर पर कश्मीर मुद्दे को सुलझाएं वहीं इसके दस अस्थायी सदस्यों में से केवल इंडोनेशिया और कुवैत ने अतीत में पाकिस्तान से सहानुभूति दिखाई है.
लिहाजा माना जा रहा है कि चीन के अनुरोध पर बाकी देशों को मनाना काफी मुश्किल काम होगा इसी बीच द न्यूज इंटरनेशनल अखबार ने कहा है कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय समर्थन हासिल करना चाहता है लेकिन ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कॉर्पोरेशन और मुस्लिम देशों से उसे मजबूत प्रतिक्रिया नहीं मिल रही है.
ष्डॉन संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय से खबरें दे रहा है पीटीआई के मुताबिक जम्मू.कश्मीर को लेकर अपनी एक रिपोर्ट में उसने कहा कि पाकिस्तानी दूत मलीहा लोधी और उनकी टीम संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों को यह समझाने में जुटी है कि जम्मू.कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के भारत के फैसले से दक्षिण एशिया की शांति और स्थिरता को खतरा हैण् ष्डॉन ने लिखा है ष्लेकिन सुरक्षा परिषद के मौजूदा सदस्य पाकिस्तान के समर्थन में नजर नहीं आ रहे वहीं इस मुद्दे पर भारत अंतरराष्ट्रीय समुदाय को स्पष्ट रूप से बता चुका है कि जम्मू.कश्मीर से संविधान का अनुच्छेद 370 हटाकर उसका विशेष दर्जा खत्म करना देश का अंदरूनी मामला है उसका यह भी कहना है कि पाकिस्तान इस वास्तविकता को स्वीकार करे.
जम्मू.कश्मीर के मौजूदा हालात पर चर्चा के लिए पाकिस्तान के अनुरोध पर चीन ने सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाई थी खबरों के मुताबिक परिषद के शेष चार सदस्य ब्रिटेनए फ्रांस रूस और अमेरिका चाहते हैं कि भारत और पाकिस्तान द्विपक्षीय स्तर पर कश्मीर मुद्दे को सुलझाएं वहीं इसके दस अस्थायी सदस्यों में से केवल इंडोनेशिया और कुवैत ने अतीत में पाकिस्तान से सहानुभूति दिखाई है.
लिहाजा माना जा रहा है कि चीन के अनुरोध पर बाकी देशों को मनाना काफी मुश्किल काम होगा इसी बीच द न्यूज इंटरनेशनल अखबार ने कहा है कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय समर्थन हासिल करना चाहता है लेकिन ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कॉर्पोरेशन और मुस्लिम देशों से उसे मजबूत प्रतिक्रिया नहीं मिल रही है.
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