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बिहार के नए राज्‍यपाल फागू चौहान के गांव में बंटी मिठाइयां, जानें इनका राजनीतिक सफर

पटना : बिहार के नए राज्‍यपाल बने फागू चौहान। ये राज्‍यपाल लालजी टंडन की जगह लेंगे। वहीं फागू चौहान के गांव यूपी स्थित घोसी में खुशियों की लहर है और मिठाइयां बंटीं। 

बिहार के नए राज्‍यपाल फागू चौहान ने 1985 में दमकिपा पार्टी से विधायक बनकर अपना राजनीतिक सफर शुरू किया था। वर्तमान में ये यूपी के घाेसी विधानसभा क्षेत्र से छठीं बार विधायक हैं और उत्तर प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के चेयरमैन हैं। जनपद के लोकप्रिय व जनाधार वाले विधायकों में गिने जाने वाले चौहान पिछड़े वर्ग के प्रभुत्व वाले नेताओं में शामिल हैं। 

1985 में चौधरी चरण सिंह की पार्टी दमकिपा से विधायक बनकर राजनीतिक सफर शुरू करने वाले फागू चौहान मूलत: आजमगढ़ जनपद के शहर से लगे गांव शेखपुरा बद्​दोपुर के रहने वाले हैं। दूसरी बार रामलहर को फीका कर 1991 में इन्होंने घोसी विधानसभा में जनता दल का परचम फहराया।

1996 में हुए विधानसभा के चुनाव में तीसरी बार जीते और भाजपा प्रथम बार जीत दर्ज कर सकी। 1997 में उन्हें रामप्रकाश गुप्त एवं राजनाथ सिंह के मंत्रिमंडल में संस्कृति, पूर्त धर्मस्व तथा पशुधन एवं मत्स्य विभाग का मंत्री बनाया गया।
 वर्ष 2002 में चौदहवीं विधानसभा में चाैथी बार भाजपा से विधायक निर्वाचित हुए और बसपा के साथ बनी गठबंधन की सरकार में कारागार एवं जेल सुधार मंत्री बने।
इसके बाद वर्ष 2006 में वे बसपा में शामिल हो गए तथा 2007 में बसपा के टिकट पर चुनाव लड़कर सदन में पहुंचे। मुख्यमंत्री मायावती के मंत्रिमंडल में परिवार कल्याण मंत्री और बाद में राजस्व मंत्री का पद संभाले। 
2012 के चुनाव में वे सपा उम्मीदवार सुधाकर सिंह से हार गए थे। वर्ष 2014 में मोदी लहर पुन: भाजपा में वापसी किए और वर्ष 2017 में भाजपा के टिकट पर विधानसभा में पहुंचे। इस बार मुख्यमंत्री योगी
योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद मंत्री पद के प्रबल दावेदार रहे श्री चौहान को मंत्री तो नहीं बनाया गया किंतु पिछड़ा वर्ग में उनके प्रभुत्व और लोकप्रियता तथा जनाधार एवं वरिष्ठता को देखते सरकार ने राज्य पिछड़ा वर्ग का अध्यक्ष मनोनीत कर काबीना मंत्री का दर्जा प्रदान किया।
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