नई दिल्ली : महाशिवरात्रि (महाशिवरात्रि 2019) भगवान शिव का सबसे बड़ा पर्व है. इसी वजह से कोई भी भक्त किसी भी तरह भोलेनाथ की सेवा में कमी नहीं छोड़ना चाहता.
शिव शंकर को खुश करने के लिए अपनी पूजा-अर्चना से लेकर पवित्र नदियों में स्नान तक, सबकुछ करता है.
लेकिन जिन भक्तों के पास वक्त की कमी होती है, वो हर बार निराश हो जाते हैं. क्योंकि वह अपने शिव की विधिवत पूजा नहीं कर पाते.
अगर आप भी ऐसे ही भक्तों की लिस्ट में शामिल हैं जिनके पास अपने काम के चलने घंटों की पूजा करने का वक्त नहीं, तो आप यहां दी गई महाशिवरात्रि की पूजा की आसान और मिनटों में की जाने वाली पूजा-विधि देखें. आपको बता दें, इस बार महाशिवरात्रि 4 मार्च, सोमवार है
सबसे पहले सुबह नहाकर शरीर को शुद्ध करें या फिर हाथ-मुंह धोकर कुल्ला करें. घर के मंदिर के आसन पर बैठें.
मंदिर में रखे दीपक को जलाएं और पूजा का संकल्प लें. सबसे पहले भगवान गणेश और माता पार्वती का ध्यान करें. अब भगवान शिव का पूजन करते हुए उनकी प्रतिमा को एक थाली में बिठाएं.
शिव की प्रतिमा को पहले गंगाजल स्नान, दही स्नान, घी-स्नान और फिर शहद से स्नान कराएं. इसके बाद शिव पर पंचामृत स्नान कराएं. अब भगवान शिव पर वस्त्र, फूल, इत्र, माला और बेल पत्र चढ़ाएं.
अब शिव शंकर को नैवेद्य (भोग) लगाएं.अब पान और दक्षिणा चढ़ाकर शिव आरती करें. आखिर में भगवान शिव से क्षमा-याचना करें.
शिव शंकर को खुश करने के लिए अपनी पूजा-अर्चना से लेकर पवित्र नदियों में स्नान तक, सबकुछ करता है.
लेकिन जिन भक्तों के पास वक्त की कमी होती है, वो हर बार निराश हो जाते हैं. क्योंकि वह अपने शिव की विधिवत पूजा नहीं कर पाते.
अगर आप भी ऐसे ही भक्तों की लिस्ट में शामिल हैं जिनके पास अपने काम के चलने घंटों की पूजा करने का वक्त नहीं, तो आप यहां दी गई महाशिवरात्रि की पूजा की आसान और मिनटों में की जाने वाली पूजा-विधि देखें. आपको बता दें, इस बार महाशिवरात्रि 4 मार्च, सोमवार है
सबसे पहले सुबह नहाकर शरीर को शुद्ध करें या फिर हाथ-मुंह धोकर कुल्ला करें. घर के मंदिर के आसन पर बैठें.
मंदिर में रखे दीपक को जलाएं और पूजा का संकल्प लें. सबसे पहले भगवान गणेश और माता पार्वती का ध्यान करें. अब भगवान शिव का पूजन करते हुए उनकी प्रतिमा को एक थाली में बिठाएं.
शिव की प्रतिमा को पहले गंगाजल स्नान, दही स्नान, घी-स्नान और फिर शहद से स्नान कराएं. इसके बाद शिव पर पंचामृत स्नान कराएं. अब भगवान शिव पर वस्त्र, फूल, इत्र, माला और बेल पत्र चढ़ाएं.
अब शिव शंकर को नैवेद्य (भोग) लगाएं.अब पान और दक्षिणा चढ़ाकर शिव आरती करें. आखिर में भगवान शिव से क्षमा-याचना करें.
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