आैरंगाबाद से करीब 12 किमी दूर एक आश्रम है। इस आश्रम की खास बात ये है कि ये पत्नी के सताए पतियों के लिए है। जी हां, इस आश्रम में सिर्फ वही लोग आते हैं जो पत्नी से पीड़ित हैं।
इस अाश्रम के फाउंडर भारत फुलारे हैं जो खुद पत्नी पीड़ित हैं। उनका कहना है कि पत्नी ने उनके खिलाफ 147 केस कर रखे हैं। 19 नवंबर 2016 को पुरुष अधिकार दिवस के अवसर पर आश्रम को शुरू किया गया।
अब तक देश भर से यहां पर 500 से ज्यादा लोग काउंसलिंग के लिए आ चुके हैं आैर कुछ लोग एेसे हैं जो यहां पर रहते हैं। हालांकि आश्रम में रहने के लिए एक मुश्किल शर्त है जिसके मुताबिक यहां पर वही पति रह सकता है जिस पर उसकी पत्नी ने कम से कम 20 मामले दर्ज किए हों।
करीब 1200 वर्गफीट की जगह में बने इस आश्रम में तीन कमरे हैं। यहां हर शनिवार आैर रविवार को पत्नी पीड़ितों की काउंसलिंग की जाती है।
आश्रम में रहने वाले पुरुष पैसे जमा कर यहां का खर्चा उठाते हैं आैर खाना बनाने से लेकर दूसरे काम तक स्वयं ही करते हैं।
आश्रम में भारत फुलारे केस स्टडी के लिए फाइल बनाते हैं आैर केस की कमजोर कड़ी का पता लगाते हैं।
साथ ही मामलों के लिए कानूनी विशेषज्ञों की सलाह भी ली जाती है। उनका कहना है कि खुद के केस के चलते उन्हें कुछ महीनों तक शहर के बाहर रहना पड़ा। इसी दौरान तीन लोग आैर मिले जो पत्नी पीड़ित थे। इसी के बाद आश्रम बनाने का ख्याल आया।
यहां रहने वालों का कहना है कि मादा कौआ अंडा देकर उड़ जाती है आैर नर कौआ ही चूजों का पालन पोषण करता है। ये स्थिति एक पत्नी पीड़ित पति से मिलती है। इसलिए आश्रम में कौआ पूजा जाता है।
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