इस्लामाबाद : एलओसी पर दो भारतीय जवानों के साथ बर्बरता को अंजाम देने वाले पाकिस्तान ने आज उल्टा भारत को नसीहत दे डाली.
पाकिस्तान का ये रुख रक्षा मंत्री अरुण जेटली के सख्त बयान के बाद सामने आया है. दो जवानों से बर्बरता के मामले में भारत ने बुधवार 3 मार्च को ही पाकिस्तान को सबूत सौंपे थे. लेकिन पाकिस्तान लगातार इनकार करने की मुद्रा में बना हुआ है.
आज पाकिस्तान ने कहा कि भारत के ‘उकसाने वाले बयानों’ से क्षेत्रीय माहौल खराब होगा. इससे एक दिन पहले भारत ने कहा था कि पाकिस्तानी सेना की सक्रिय भागीदारी से भारतीय जवानों के शवों को विकृत किया गया था.
भारत ने पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित को भी तलब किया था और इस हमले के सबूत सौंपे थे. रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने भी कहा था कि इस हमले में पाकिस्तान सेना का ही हाथ है.
साजिश के तहत इस अमानवीय कृत्य को अंजाम दिया गया. भारत की कार्रवाई के सवाल पर उन्होंने कहा कि देश अपनी सेना पर भरोसा रखे.
आज पाक विदेश विभाग के प्रवक्ता नफीस जकरिया ने रक्षा मंत्री अरूण जेटली की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ‘रेडियो पाकिस्तान’ से कहा कि पाकिस्तान साफ कर चुका है कि भारतीय सैनिकों के शवों को किसी प्रकार से विकृत करने की कोई घटना नहीं हुई है.
जकरिया ने दावा किया कि भारत संयुक्त राष्ट्र के समक्ष कोई भी आरोप लगाने का हर हक गंवा चुका है क्योंकि उसने कभी भी विश्व निकाय का पालन नहीं किया है और इसके लिए गठित संयुक्त राष्ट्र सैन्य प्रेक्षक समूह का भी उसने सहयोग नहीं किया. उन्होंने कहा कि भारत की ओर से ‘उकसाने वाले बयानों’ से क्षेत्रीय माहौल और खराब होगा.
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